Jai Sri Ram - जय श्री राम

जय श्री राम

Jai Sri Ram जय श्री राम भजन कीर्तन * Overview * Amazon (India) * Flipkart

जय श्री राम

* श्री राम मंत्र * श्री राम स्तुति: * श्री राम स्तोत्र * श्री राम चालीसा * श्री राम आरती

* श्री राम भजन कीर्तन

मुझे तेरा सहारा श्री राम, १४ वर्षो बाद अवध में जब लोटे श्रीरामजी, अइसन मनोहर मंगल मूरत, अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे, अजी मैं तो राम ही राम भजूँ, अपनी शरण में लेलो मुझे राम, अपने ही मन से राम को भुलाय के, अब तुम कब सिमरोगे राम, अयोध्या करती है आव्हान, अयोध्या धाम है यही, अयोध्या में राम लाला की पावन जन्म भूमि पर, अवध पूरी के राज दुलारे घर आये श्री राम, अवधपुर ले चल रे सजना, आई शुभ दीपवाली आई, आओ सखियों मिल गाओ वधाई, आज अयोध्या की गलियों, ऐसी छवि है मेरे राम की, करके तयारी अयोध्या बलम जाउंगी, कहाँ के पथिक कहाँ कीन्ह है गवनवा, कैसे बैठा रे आलस में मुख्य से राम कह्यो न जाये, गुण दोष से दृष्टि हटाकर, चंदा छुप जा रे बादल में, चरखा परे हटा ले जी मेरी सूरत राम से लागी, चल देख सखी राम बने दूल्हा, चल हो जा फकीर छोड़ दे दुनिया वाली मौज नू, छोटी सी उम्र में जो बोले श्री रामा, जगमग हुई अयोध्या नगरी, जप राम राम बिना कोई न अपना, जब राम गये वनवास, जय कारा श्री राम का, जरा घुमने तो चित्रकूट चलिए, जल जाए जिहवा पापिनी, जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे, जानकी नाथ सहाय करे तब काह बिगार करे नर तेरो, जिनका घर हो अयोध्या जैसा, जिसकी नैया राम भरोसे डोल भले सकती है, जिसने की उपासना निशिदिन, जैसे पर्वत से झरने झर झर झर झरते आये, जो रात दिन सेवा करे, तेरी मर्जी का मैं हूं गुलाम मेरे अलबेले राम, तेरो नाम तेरो नाम सांचो बाबोसा तेरो नाम, दाता नहीं है श्री राम के जैसा, दीनबंधु दीनानाथ मेरी तन हेरिये, दीप जगे हर घर में हर घर में मने दीवाली, दीपोत्सव का पर्व मनाओ, देख कर राम जी को जनक नंदनी, दो अक्षर का बोल है राम नाम अनमोल है, ना राम नाम लीनो तेने भरी जवानी में, नींद से अब जाग बंदे, पढ़ो पोथी में राम, परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन, पुण्यभूमि ये चित्रकूट की जहाँ बसे श्रीराम, प्रभु मुझ अनाथ पर दया कीजिये, प्रेम मुदित मन से कहो राम, फिर कौन बिगाड़ेगा जब राम सहारा है, बाजे अयोध्या में बधाई देखो जन्मे प्रभु राम, बिरथा में अपन माला डार रहे, बुलावो आग्यो राम को, बोल पिंजरे का तोता राम, बोल रे सुबह सुबह मीठी मीठी वाणी, बोल सुबह राम राम मीठी मीठी वाणी रे, बोलो ए जमीं बोलो आसमां, बोलो राम मन से राम मन में वसा ले, भज मन राम चरण सुखदाई .., भज मन सीता राम, भज रघुवर श्याम युगल चरना, मंदिर का ध्वजा लहराया है, मंदिर का निर्माण ज़माना देख रहा, मन में राम, माला फ़ेरे ते राम राम करे भिलनी, मुझे अपनी शरण में ले लो राम, मुझे इतनी शक्ति देदो राम, मेरा राम आ जाता मेरे सामने, मेरी कुटिया दे भाग अज्ज खुल जाऍंगे, मेरी झोपडी दे भाग, मेरी बिगड़ी बनेगी कैसे तू ही राम जाने, मेरे राम मेरे राम मेरे राम, मैं पतित पुरातन तेरी शरण, यही रात अंतिम यही रात भारी, ये सब खेल उसी का है, रघुनाथ जी हो जिसकी बिगड़ी बनाने वाले, रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम, राम आये हैं मेरे भगवन आये हैं, राम आवे अयोध्या की और, राम की महिमा न्यारी, राम को देख कर के जनक नंदनी, राम को मांग ले मेरे प्यारे, राम गुण ऐसे गाणा रे, राम जी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे, राम जी किरपा करो न, राम जी के चरणों मे, राम जी के चरणों में मन को लगाये जा, राम जी से जब हनुमान मिल गये, राम दीवाना हनुमान, राम दो निज चरणों में स्थान, राम धुन गायी के, राम नाम गंगा दा सनान सारे बोलो राम राम, राम नाम तू ले रे बन्दे, राम नाम भजले रे मनवा, राम नाम सिमरो बनो रे भड भागी, राम राम बोल बंदे, राम राम बोल वेला, राम राम बोल सब अयोध्या में जायेंगे, राम सुन लो मेरी बात तुम गौर से, राम से बड़ा राम का नाम .., राम-जानकी की होरी, रावण तेरी लंका में आया है, रुन झुन बाजे पग पैजनिया, रोम रोम में रमा हुआ है, लक्ष्मण सा भाई हो, वनवास मेरे प्राण का प्यारा चला गया, वां घर जाइयो ऐ नींद्रा, विधना तेरे लेख किसी की समज न आते है, वो है राम का दीवाना वीर हनुमाना, श्री राम का डंका बाजेगा, श्री राम के परम दुलारे, श्री राम जय राम जय जय राम, श्री राम जी का मंदिर सुन्दर बनाएँगे हम, श्री रामचंद्र जी की मिथिला बरात भाई, सजी है राम की नगरी अयोध्या राम आये है, सब से बड़ी सरकार तेरी सब से बड़ी सरकार, सभी भक्त करते इन्तजार आओ न, सिया राम तुम्हारे चरणों में, सिर पर सीताराम फ़िकर फ़िर क्या करना, सीता राम सीता राम सीताराम कहिये, सीताराम सीताराम सीताराम गायेजा, सुने री मैंने निरबल के बल राम, सुनो अवध के वासियों सिया के राम, सोच विचार में रावण जागे, हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की, हरे राम हरे राम हरे कृष्णा कृष्णा, हे पुरुषोत्तम श्रीराम करूणानिधान भगवान, हे रामचन्द्र कह गए सिया से, हो जा राम का दीवाना बंदे न कर टालमल टोल

* श्री राम आरती

श्री रघुवर जी की आरती, श्री रामचंद्र भगवान की है आरती, श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन