Jai Sri Krishna - जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् * श्री कृष्ण मंत्र * मूल * श्री कृष्णा स्तुति : (१) श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, (२) त्वमेव माता च पिता त्वमेव, (३) कुंती कृत * श्री गोविंद दामोदर स्तोत्र * श्री कृष्ण चालीसा * श्री कृष्ण आरती
* श्री कृष्ण भजन कीर्तन
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं, अद्भुत सोभा वृंदावन की देखो नंदकुमार, अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं, अपने दर से दूर, अरी मेरो मारग रोक्यो कृष्ण कन्हैया ने, अरे जा रे नटखट, अष्टपदी – गुसांईं जी, अष्टपदी – जयदेव, आ गया चितचोर वे, आई ऋतु चहूँदिस फूले द्रुम, आज कछु देखियत ओर ही बानक, आज बृज में होली रे रसिया, आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की, आयी जी फागुन की रुत आयी, आयो रे आयो रे देखो मदन गोपाल, आयो होली रे, आली री मोहे लागे वृन्दावन, ईसर दास जी रा पांच बेटा, ऊँगली पे कन्हैया नचावे दुनिया सारी, ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन, ओ कान्हा तेरी बांसुरी नीद चुराए, कण कण में श्याम, कन्हैया क्यूट तेरी मुस्कान, कन्हैया फिर से आ जाओ हमारी बाल टोली में, करुणामई किशोरी, कह देना मुरली वाले से, कहा छुप गए सांवरिया, कहीं खेलत होहियें नन्दलाल, कहे बालक पण में कृष्ण जी मैया मैं व्याह रचाऊ गा, कान्हा घर आये, कान्हा जो तू मुस्काया, कान्हा तेरी मुरली दिल में बस गई, कान्हा मधुवन में तुम आया न करो, काली कमली वाला, किशोरी अब मेरा जीवन सहारे आप के ही है, कृष्णं वन्दे जगत गुरुं, के श्याम तेरा की लगदा, के होली आई सा रा रा रा, कोई भाव से कोई प्यार से, खाटू वाले मनै जरुरत तेरी सै, खुशबू है तू फूल हूँ मैं, खेलत वसंत निस पिय संग जागी, खोल दे पट मंदिर को, गेला हरी कुन्या गांवा, गोकुल से आयो राधे तेरी नगरी में, गोवर्धन की सिखर चारु पर, गोविंदा आला रे आला, गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो, ग्वालिन मेरी गेंद चुराई।, चलेंगे सांवरे से मिलने, चौराश्ताकम, छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल, छोड़ा क्यों बेसहारा रे तूने हम को ओ कन्हिया, छोड़ो मेरा दुपट्टा कान्हाँ अब घर जाना है, जब खेलने होली लेकर टोली, जब वचन दिया है तूने, जब से मथुरा मे मेरा आना जाना हुआ, जय नंदलाला गोपाला मन मोहन श्याम कन्हैया, जिंदगी सवार दी तुमने हमारी, जिस दिन ए मुरली वाले मैं अपना घर बनवाऊँगी, झटक मोरी मटकी फोड़ी, ठंडाई की ग्लाससा, तरणि तनया तीर आवत हें प्रात समे, तू कर परिक्रमा गोवर्धन की, तू काला काला मैं गोरी गोरी संवारें, तू मन की अति भोरी, तू माखन चोर है कान्हां, तेरा लेके उल्हाना आज श्याम मैं नन्द गांव आउंगी, तेरी ऐसी दया मनमोहन हो, तेरी चुनरी जब लहराए, तेरी बांसुरी ने गजब ढा दिया है, तेरे चेहरे में वो जादू है, दयालु हो दया करके सम्बालो, दुल्हनिया मोहे मँगा दे री, देदो सहारा हमको ओ श्याम प्यारे, नमो देवेन्द्र दर्पहर श्री मुरारी, नवा गौरा वरम नवा पुष्पा सारम, पतंग की गुडी उडावन लागे व्रजबाल, पार लगावो भव से हरि मोहे, प्रगट व्है मारग रीत बताई।, प्रीतम प्रीत ही सों पाइये, बंसी दे नाल ना मार श्यामा, बई राधा वावरिया, बड़ी देर भई नंदलाला, बरसाने वारी दिल में बसी तू तो राधा प्यारी, बांके बिहारी तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये, बात बता दे ओ कान्हा, बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया, भगत के वश में है भगवान, भागा रे भागा रे भागा नंदलाला, मंदिर में उड़े रे ग़ुलाल, मच गया शोर सारी नगरी रे, मनमोहन के चरणों मे दिल खो गया, मना चल वृन्दावन चल वे, मन्द मन्द मुसका दे कान्हा, मलार मठा खींच को लोंदा, मायरो भरण ख चल्या नरसिंह अंजार, मीठी मीठी मुरली बजा दे मेरे मोहन, मुझको तू रंगले रंगले तू मुझको, मुरली की तान सुनाने, मेरा दिल तडपता रेह गया, मेरा सांवरिया आएगा, मेरी अखियो में बस जाओ श्याम, मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने, मेरी श्याम से हो गयी लडाई, मेरे गोवर्धन गिरधारी, मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई, मेरे श्याम दिए तस्वीरें मैं प्यार तेरे नाल पाना, मेहर करो सांवरिया नजर करो सांवरिया, मैं तो बरसाने से आई, मैं तो हो गई रे प्रेम दीवानी, मैं भानु लली की दया चाहता हूँ, मैं मीरा दीवानी हु दीवानी मैं श्याम की, मैं श्याम नाल गल्ल करनी, मैंने तुझसे तुझको माँगा, मैंने पहनी है नई नई साड़ी, मैया दर्शन करादे नन्दलाल दा, मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो, मोहे खेलन संग तेरे होरी, मोहे ब्रज की धुल बना दे, मोहे रंग दो लाल, यशोमती मैया से बोले नंदलाला, रंग दियो नंदकिशोर, रंग दे चुनरिया ओ गिरधारी रंग दे चुनरिया, राधा ऐसी भई श्याम की दीवानी, राधा छोड़ दे मेरी गेल, राधा तेरी अखियों का काला काला काजल, राधा श्याम संग खेले होली आज धरती पे रंग बरसे, राधे जू आज बन्यो है वसंत, राधे राधे बोल मन तर जाएगा, राम रमैया कृष्ण कन्हैया भजले, रिंगन करत कान्ह आंगन में कर लीये नवनीत, लाडला मैं तो श्री जी का प्यारा मैं तो लाडो का, लाल ललित ललितादिक संग लिये, लाल कछु कीजे भोजन तिल तिल कारी हों वारी हों, लोह तू लगा श्याम से, वृन्दावन की कुञ्ज गली में, वो दिन दिल दुखाये बहुत दिल दुखाये, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, श्याम इतना बता दो जरा तुम मुझे, श्याम की तस्वीर, श्याम हम तेरे हो गए है, श्यामा तू अपना ना बनया मैं रहया तेरे भरोसे ते, श्यामा लगया कलेजे तीर सब तैनू काला कहन्दे ने, श्री वल्लभ मधुराकृति मेरे, सँवारे से मेरी मुलाकात हो गई, साँवरिया तूने मेरी क़दर ना जानी, साँवरिया मन भाय गयो री, सांझ सवेरे अधरों पर मेरे बस तुम्हरो है नाम सांवरिया, सांवरिया ऐसा डाल गुलाल, सांवरिया मेरा श्याम पिया, सांवरे कुछ तो बता दे चल दिए मुंह मोड़ कर, सानू तेरे ही मिलन दा चा, सावरा मेरे साथ है, सुन नाथ अरज़ अब मेरी मैं शरण पड़ा प्रभु तेरी, सुन मुरली की धुन तू भी प्रभु संग झूम, सुरतिया प्यारी श्याम की सूरतियाँ प्यारी, हम है वृंदावन के वासी, हमने तुमको दिल दिया था आजमाने के लिए, हर घडी हर पल कन्हियाँ रेहता उनके पास है, हर रात मुझे सपनो में, हरि नाम बिन पार लगे ना, हरी सुंदर नंद मुकुंदा, हरी सुंदरा नंद मुकुंदा हरी नारायाणा हरी ॐ, हारा वाले ने लूट लिया दिल मेरा, हे आनद उमंग भयो जय हो नन्द लाल की, हे लाडली सुध लीजे हमारी, है भगवान तेरी माया का भेद समझ ना आया, होरी खेली न जाय, होली की मची है धमाल महिना फागुन का, होली खेल रहे नन्द लाल वृन्दावन की कुंज गलिन में,
* श्री कृष्ण आरती
ॐ जय जगदीश हरे, श्री कुंजबिहारी की आरती, श्री बांके बिहारी तेरी आरती, श्री बंसी वाले जी की आरती, हे गोपाल कृष्णा करू आरती,